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स्वामी विवेकानंद जी के 5 विचार

° यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है,कि बुराइयों और दुःखो का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता । °  हम जो बोते हैं वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं,हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं, हवा को नहीं पकड़ पाते क्या यह हवा की गलती हैं ,हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं । °   भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं, अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते। °  स्वतंत्र होने का साहस करो, जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो। °  जिस धागे की गांठें खुल सकती है, उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए ।

अनमोल विचार

1 .  impossible को गौर से देखने में खुद कहता है। I m possible , बस आप सोचने व देखने का नजरिया बदल दे, और नामुमकिन को मुमकिन कर दो। 2. कैलेण्डर हमेशा तारीख को बदलता है, पर एक दिन ऐसी भी तारीख आती है। जो  कैलेण्डर को ही बदल देती है। इसलिए सब्र करें, वक्त हर किसी का आता है। 3. एक बार एक छोटी सी मछली ने अपनी मां से पूछा कि हम पानी में क्यो रहते हैं , जमीन पर क्यो नही ? ,तब उसकी मां बोली बेटी ,हम FISH है, इसलिए पानी में रहते हैं, जमीन पर तो selfish रहते हैं। 4.  गुस्सा और तूफान एक जैसे होते हैं , ठंडा होने के बाद ही पता चलता है,कितना नुक्सान हुआ।
हमें दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए, क्योंकि आपके पास इतना समय नहीं है कि सभी गलतियों को स्वयम करें । कुछ भी बोलने से पहले हमें उस पर भली-भांति विचार कर लेना चाहिए संयम व धैर्य ही सफलता की कुंजी है
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यदि आप कुछ करने की सोच रहे हैं, तो आज से ही समय का सदुपयोग करें। आप तब तक अच्छे हैं, जब तक कि आप सामने वाले के मन की बात करते हैं,  जैसे ही आप अपने   मन का करते है आपकी अच्छाइयां खत्म हो जाती हैं। तो हमें दूसरों के सामने अच्छा बनने की कोशिश ना करके हमें स्वयं   को अच्छा बनाना है क्योंकि सामने वाले की सोच तो समय के अनुसार बदलती रहती है जैसे ही सामने वाले व्यक्ति का लक्ष्य पूरा होता है उस व्यक्ति की सोच बदल जाती है तो इसलिए हमें खुद पर कॉन्फिडेंस रखना चाहिए और सामने वाले के लक्ष्य को ना ध्यान देकर अपने लक्ष्य की ओर पूरी ईमानदारी और लगन के साथ आगे बढ़ना चाहिए, तभी हम सफलता को कायम कर सकते हैं जब हम अपने लक्ष्य की ओर   कड़ी मेहनत करेंगे तो हमारा लक्ष्य अपने आप में संपूर्ण होता नजर आएगा हमारे अंदर विश्वास बढ़ता जाएगा और जब आप लक्ष्य को प्राप्त कर चुके होंगे तो वह सभी आपका साथ देंगे जिन्हें कभी आपसे शिकायत हुआ करती थीं।